मोबाइल फोन्स के अधिक इस्तेमाल को कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़कर देखा जाता रहा है। इससे निकलने वाली नीली रोशनी को आंखों और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक बताया गया है। डॉक्टर्स कहते हैं, वैसे तो मोबाइल या किसी भी प्रकार के स्क्रीन वाले गैजेट्स सभी उम्र के लोगों के लिए हानिकारक हैं, पर बच्चों की सेहत पर इसके गंभीर दुष्प्रभाव देखे गए हैं जैसे बच्चों का चिड़चिड़ा होना पढ़ाई मे या फिज़िकल एक्टिविटीज मे मन ना लगना । पैरेंट्स बच्चों को बहलाने के लिए मोबाईल का उपयोग करना कोई गलत नही समझते इसके साथ बाहर का जंकफ़ूड भी बच्चो को खिलाने मे कोई परहेज़ नही करते जिससे कारण कम उमर में ही बच्चों को एसिडिटी और कई अन्य समस्याए हो रही है बच्चे इसके आदि होते चले जाते है फिर कई तरह कि शारीरिक और मानसिक समस्याएं होती है। इसके बाद डॉक्टर्स के पास चककर लगाते है।
बुरहानपुर के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर सैयद नदीम ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया और पैरेंट्स को सलाह दी है। उम्होने कहा कि आज कल पेरेंट्स बच्चों को बहलाने के लिए फोन का और बाहर के फास्ट फ़ूड का उपयोग करते है। इसका ज़्यादा उपयोग करना वैसे तो सभी उम्र के लोगो के लिए हानिकारक होता लेकिन देखा जा रहा है छोटे बच्चे इससे ज़्यादा प्रभावित हो रहे है। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर सैयद नदीम ने बताया आज कल बच्चों के ज़्यादा फोन या सक्रीन गेजेट्स टी.वी,टेबलेट,मोबाइल फोन्स और बाहर के फास्ट फ़ूड का उपयोग करते है,पेरेंट्स भी इस ओर जितनी चिंता जतानी है उतना ध्यान नही देते। इससे देखने मे आया है कि बच्चो वो समस्याए बढ़ रही जो पहले नही देखी जाति थी। बाहर का फास्ट और जंक फूड खाने से एसिडिटी और पेट से संबंधित अन्य समस्याए। सक्रीन गेजेट्स का ज़्यादा इस्तेमाल से बच्चों का मन पढ़ाई या खेलकूद और वो गतिविधियां जिससे सेहत तंदुरुस्त रहती है उसमे मन नही लगता। इसके साथ पेरेंट्स को सलाह दी कि बच्चों के साथ ज़्यादा समय गुज़ारे और बच्चों के अच्छे खान पान पर ध्यान दे।